अभिव्यक्ति कुछ कहने की आजादी और देश प्रेम
कुछ लोग देश के संविधान से असहमत हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं, किसी भी देश में उस देश का हर नागरिक वहा के संविधान से सहमत नहीं हो सकता! और न ही हर नागरिक के लिए अलग संविधान व न हीं कुछ लोगो के असहमत होने से उसमे बदलाव करना संभव है!संविधान कई लोगो के सहमती से बनता है! लाखो बदलाव के बाद भी कुछ लोग उससे असहमत ही होंगे, इसके लिए देशद्रोह, दंगे व हड़ताल करके देश के करोडो लोगो और देश की मर्यादा को हानि पंहुचा कर देश का अहित करना देशद्रोह से कम नहीं हो सकता! ये तो हिंदुस्तान का संविधान ही है जहा इतना कुछ होने पर भी आप आजादी की साँस ले रहे है, अन्यथा किसी दुसरे देश में होने पर आपको बहूत बड़ा परिणाम भुगतना पड़ता, देश का शुक्रिया करो! लाखो कुर्बानियों से मिली इस आजादी को बर्बाद करके आप कही भी सुरक्षित नहीं रह सकते!
आपके शब्द अगर देश को हानि पहुचाते है तो आपमें और आतंकवादीयो में ज्यादा अंतर नहीं है, अभिव्यक्ति की आजादी से आपको किसी के टुकड़े करने और मारने की धमकी देने की स्वतंत्रता नहीं मिल सकती (ये तो फिर भी देश की बात है)
जय हिन्द!!
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